565
जले अलाव
गप शप में सिंकी
यादों की लिट्टी
564
केंद्र अलाव
परिधि पर जुटी
सर्द हथेली
563
शीत लहर
गुलबंद लपेटो
आठो पहर
562
खुले दरीचे
सरसरा के आए
शीत के खत
561
हीरों का हार
वल्लरी पर सजी
ओस की बूँदें
560
धूप से डरी
कोमल शबनम
फुर्र से उड़ी
559
धूमिल उषा
कुहासों के जाल में
फँसा है रवि
558
ममता मोक्ष
धुंध के आर पार
विपक्षी दल
557
धुंध की शक्ति
विमान सेवा ठप्प
पटरी सूनी
556
कमल पुष्प
अंकशायिनी ओस
पवित्र प्रेम
555
दिखी न कार
धुंध के उस पार
दिखे दो बल्ब
--ऋता शेखर 'मधु'
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