Friday 25 November 2016

हाइकु में मृग

478
निर्मल मन
स्वपोषित कल्पना
कस्तूरी मृग
477
दानव छल
स्वर्ण मृग में ढला
मोहित सिया
476
ढूँढते दृग
इत्र सुगंध स्रोत
कस्तूरी मृग
475
अभयारण्य
कृष्ण मृगों के झुण्ड
कान्हा आभास
474
स्वार्थी हृदय
आखेटक हिरण
विपन्न स्वप्न
473
चीतल खाल
सुख दुःख का घेरा
चितकबरा
472
शशिर भोर
मृग छौना सी धूप
भागती फिरे
471
दूर क्षितिज
मृग की मरीचिका
खाली है हाथ
470
लोरी में बसा
मृग- छौने का प्यार
जीवन सार
469
शिकारी व्याघ्र
सरलमना मृग
चौकस नैन
468
बारहसिंगा
दलदल का मृग
संकटग्रस्त
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ऋता शेखर ‘मधु’

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