Sunday 14 September 2014

हिन्दी दिवस पर समर्पित कुछ हाइकु-पुष्प...


हिन्दी दिवस पर समर्पित कुछ हाइकु-पुष्प...

323.

हिंद-संविधा

चौदह सितम्बर

हिन्दी दिवस|

322.

संविधा धारा

तीन सौ तेतालिस

वर्णित हिन्दी|

321.

राष्ट्र की भाषा

लिपि देवनागरी

बोलें तो हिन्दी|

320.

गरिमामयी

लेखन में सरल

सौम्य है हिन्दी|

319.

हिन्दी दीपक

रौशन हिन्दुस्तान

फैला उजास|

318.

सुख का मूल

भारतेन्दु को प्रिय

अपनी हिन्दी|

317.

माँ सी है प्यारी

मातृभाषा हमारी

जग में न्यारी|

316.

स्वदेशी हिन्दी

राष्ट्र का हो विकास

हिन्दी ही लिखें|

315.

रिश्ता प्रगाढ़

हिन्दी में जब बोलें 

सारे ही प्रान्त|

314.

तुलसीदास

हिन्दी में रामायण

सब को मान्य|

313.

अ से अनार

इ से होती इमली

पढ़े विमली|

312.

अपनी बोली

हिन्दी होती है खास

दिल के पास|

311.

कर्ण को प्रिय

मिठास भरी हिन्दी

सहज ग्राह्‌य|

310.

सुनो संतन

है मधुर गुंजन

हिन्दी भजन|

No comments:

Post a Comment